राजपूत समाज की कुलदेवियां

Himmat Singh 11 Nov 2025

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Culture Hindi 16 Views

राजपूत युग की वीरता व पराक्रम का भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान है। क्षत्रियों का कार्य समाज की रक्षा करना था। कालांतर में ये ही क्षत्रिय राजपुत्र कहलाये। राजपूताने में पुत्र को पूत कहा जाता है और ये राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए। राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत प्रभावशाली जाति है और यह जाति सदैव ही शासक रही है। राजपूत समाज की अपनी कुल देवियों की मान्यता है जिनकी यह पूजा करते है और जिनसे उन्हें शक्ति मिलती है। इन सभी कुल शाखाओं ने नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने के लिए कुल देवियों को स्वीकार किया। ये कुलदेवियां कुल के अनुसार निम्नलिखित हैं–

खंगार – गजानन माता
चावड़ा – चामुंडा माता
छोकर – चण्डी केलावती माता
धाकर – कालिका माता
निमीवंश – दुर्गा माता
परमार – सच्चियाय माता
पुरु – महालक्ष्मी माता
बुन्देला – अन्नपूर्णा माता
इन्दा – चामुण्डा माता
उज्जेनिया – कालिका माता
उदमतिया – कालिका माता
कछवाहा – जमवाय माता
कणड़वार – चण्डी माता
कलचूरी – विंध्यवासिनी माता
काकतिय – चण्डी माता
काकन – दुर्गा माता
किनवार – दुर्गा माता
केलवाडा – नंदी माता
कौशिक – योगेश्वरी माता
गर्गवंश कालिका माता
गोंड़ – महाकाली माता
गोतम – चामुण्डा माता
गोहिल – बाणेश्वरी माता
चंदेल – मेंनिया माता
चंदोसिया – दुर्गा माता
चंद्रवंशी – गायत्री माता
चुड़ासमा -अम्बा भवानी माता
चौहान – आशापूर्णा माता
जाडेजा – आशपुरा माता
जादोन – कैला देवी (करोली )
जेठंवा – चामुण्डा माता
झाला – शक्ति माता
तंवर – चिलाय माता
तिलोर – दुर्गा माता
दहिया – कैवाय माता
दाहिमा – दधिमति माता
दीक्षित – दुर्गा माता
देवल – सुंधा माता
दोगाई – कालिका(सोखा)माता
नकुम – वेरीनाग बाई
नाग – विजवासिन माता
निकुम्भ – कालिका माता
निमुडी – प्रभावती माता
निशान – भगवती दुर्गा माता
नेवतनी – अम्बिका भवानी
पड़िहार – चामुण्डा माता
परिहार – योगेश्वरी माता
बड़गूजर – कालिका(महालक्ष्मी)माँ
बनाफर – शारदा माता
बिलादरिया – योगेश्वरी माता
बैस – कालका माता
भाटी – स्वांगिया माता
भारदाज – शारदा माता
भॉसले – जगदम्बा माता
यादव – योगेश्वरी माता
राउलजी – क्षेमकल्याणी माता
राठौड़ – नागणेचिया माता
रावत – चण्डी माता
लोह – थम्ब चण्डी माता
लोहतमी – चण्डी माता
लोहतमी – चण्डी माता
वाघेला – अम्बाजी माता
वाला – गात्रद माता
विसेन – दुर्गा माता
शेखावत – जमवाय माता
सरनिहा – दुर्गा माता
सिंघेल – पंखनी माता
सिसोदिया – बाणेश्वरी माता
सीकरवाल – कालिका माता
सेंगर – विन्ध्यवासिनि माता
सोमवंश – महालक्ष्मी माता
सोलंकी – खीवज माता
स्वाति – कालिका माता
हुल – बाण माता
हैध्य – विंध्यवासिनी माता
मायला – इन्जु माता
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Published on 11 Nov 2025