डूंगरपुर राज्य

Himmat Singh 08 Nov 2025

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History Hindi 15 Views

मेवाड़ (चित्तौड़) के रावल सामंतसिंह से जालोर के कीर्तिपाल चौहान ने राज्य छीन लिया। तब यह आहड़ प्रदेश में आए। मेवाड़ में बहने वाली आहड़ नदी से यह प्रदेश आहड़ प्रदेश कहलाता है। सामंत सिंह जी ने सन 1175 में वागड़ में राज्य स्थापित किया। वागड़ का राज्य गुजरात वालों ने छीन लिया तो सामंतसिंह जी पृथ्वीराज चौहान के पास चले गए और पृथ्वीराज व मोहम्मद गौरी के मध्य हुए युद्ध में काम आए। सामंतसिंह जी के छोटे भाई कुमारसिंह जी ने पुनः मेवाड़ पर अधिकार किया। उनके प्रपौत्र महारावल जैत्रसिंह जी मेवाड़ ने पुनः वागड़ पर अधिकार किया। महारावल जेत्रसिंह के पुत्र सीहड़ वागड़ प्रदेश के उत्तराधिकारी हुए। सीहड़ के वंशज आहड़ प्रदेश से *आहड़िया गुहिलोत* कहलाए।

सीहड़ के बाद विजयसिंह देपालदेव व वीरसिंहदेव शासक हुए। इनकी राजधानी बड़ौदा (आसपुर) थी। इनके बाद भचुंड व डूंगरसिंह हुए। डूंगरसिंह ने *डूंगरपुर* बसाया व उसे अपनी राजधानी बनाया। डूंगर सिंह जी के वंशज गोपीनाथ पर अहमदशाह गुजरात ने आक्रमण किया किंतु उसे हारना पड़ा। गोपीनाथ के पुत्र सोमदास पर भी मांडू के सुल्तान महमूद शाह ने चड़ाई की थी। सोमदास के पुत्र उदयसिंह प्रथम का ईडर के राव रायमल को गद्दी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन पर गुजरात के मुजफ्फर शाह ने चढ़ाई की किंतु वह पराजित हुआ उदय सिंह जी ने सन 1527 में खानवा के युद्ध में राणा सांगा के पक्ष में लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की।

उदयसिंह जी के दो पुत्रों में राज्य का बँटवारा हुआ। पृथ्वीराज जी को *डूंगरपुर* व जगमाल जी को *बांसवाड़ा* का राज्य मिला। पृथ्वीराज जी के पुत्र आसकरण जी ने हाजीखां व महाराणा उदयसिंह के बीच हुए हरमाड़ा युद्ध में महाराणा का साथ दिया। बाद में आसकरण जी ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली। इनके बाद पुंजराम जी भी शाही मनसबदार रहे। सन् 1818 में महारावल जसवंतसिंह जी द्वितीय की अंग्रेजों से संधि हुई।

सन् 1844 में महारावल उदयसिंह जी द्वितीय साबली से डूंगरपुर गोद आए। आजादी के बाद महारावल लक्ष्मण सिंह जी राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष भी रहे। आपके दूसरे भाई वीरभद्र सिंह जी मध्य प्रदेश में कलेक्टर रहे तथा तीसरे भाई डॉ नागेंद्र सिंह जी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के जज रहे। महारावल महिपाल सिंह जी के दूसरे भाई जयसिंह जी मुंबई मे फिल्म उद्योग रहे तथा तीसरे भाई राजसिंह जी डूंगरपुर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वर्तमान महाराजकुमार हर्षवर्धन सिंह जी राज्यसभा सदस्य हैं। डूंगरपुर राज्य में इस वंश के साबली ओड़ा नांदली तथा गामडी अहाड़ा मांडवा आदि ठिकाने है।

*डूंगरपुर के शासक*


क्र नाम शासन वर्ष (ईस्वी सन् में)
(1) सामंत सिंह 1171 से 1179
(2) जयंतसिंह (जैत्रसिंह) 1213 से 1221
(3) सीहड़ 1221 से 1234
(4) विजयसिंह 1234 से 1250
(5) देपालदेव 1250 से 1287
(6) वीरसिंह देव 1287 से 1302
(7) भूचण्ड 1302 से
(8) डूंगरसिंह
(9) कर्मसिंह
(10) कान्हड़देव
(11) प्रताप सिंह 1399 से 1426
(12) गोपीनाथ 1426 से 1441
(13) सोमदास 1441 से 1480
(14) गंगदास 1480 से 1497
(15) उदय सिंह 1497 से 1527
(16) पृथ्वीराज 1527 से 1549
(17) आसकरण 1549 से 1581
(18) सहसमल 1581 से 1606
(19) कर्मसिंह 1606 से 1609
(20) पुंजराम 1609 से 1657
(21) गिरधर 1657 से 1661
(22) जसवंतसिंह 1661 से 1691
(23) कुमारसिंह 1691 से 1702
(24) रामसिंह 1702 से 1730
(25) शिवसिंह 1730 से 1785
(26) बैरीशाल 1785 से 1790
(27) फतेहसिंह 1790 से 1808
(28) जसवंत सिंह।। 1808 से 1825
(29) दलपतसिंह 1825 से 1844
(30) उदयसिंह।। 1844 से 1898
(31) विजयसिंह।। 1898 से 1918
(32) लक्ष्मणसिंह 1918 से 1989
(33) महिपालसिंह 1989 से वर्तमान
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Himmat Singh

Published on 08 Nov 2025