बाँसवाड़ा राज्य

Himmat Singh 08 Nov 2025

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History Hindi 16 Views

डूंगरपुर महारावल उदयसिंह जी के दो पुत्रों में राज्य का बँटवारा हुआ। बड़े पुत्र पृथ्वीराज जी को *डूंगरपुर* मिला व छोटे पुत्र जगमाल जी ने सन् 1518 में नवीन *बांसवाड़ा* राज्य की स्थापना की। जगमाल जी के बाद जयसिंह व प्रतापसिंह हुए। महारावल प्रतापसिंह जी ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली। इस पर महाराणा प्रताप बहुत नाराज हुए व बाँसवाड़ा पर आक्रमण कर दिया। इनके बाद महारावल मानसिंह के समय खांदू के भीलों ने उपद्रव किया। भील सरदार गनेती ने धोखे से महारावल मानसिंह को मार दिया इस पर मानसिंह चौहान ने गनेती भील को मार दिया।

महारावल मानसिंह जी के कोई पुत्र नहीं था अतः मानसिंह चौहान स्वयं ही बाँसवाड़ा का शासक बन गया। वागड़ के चौहानों ने इकट्ठे होकर मानसिंह चौहान को समझाया तब फिर महारावल जगमाल जी के पौत्र व कल्याणमल जी के पुत्र उग्रसेन को गद्दी पर बैठाया। उग्रसेन का पुत्र समर सिंह शाहजहाँ का मनसबदार था। बाद में इसने महाराणा जगतसिंह जी की अधीनता स्वीकार कर ली।

महाराणा राजसिंह से नाराज होकर औरंगजेब ने बाँसवाड़ा का फरमान समरसिंह के पुत्र कुशलसिंह के नाम लिख दिया। महारावल कुशलसिंह जी ने कुशलगढ़ बसाया। महारावल उमेदसिंह जी के समय सन् 1818 में अंग्रेजों से संधि हुई। आज़ादी के बाद बाँसवाड़ा राज्य का भी भारत सरकार मे विलय हुआ। बाँसवाड़ा राज्य मे इस वंश के खान्दू तेजपुर सुरपुर तथा देवदा कुटानिया भीमसोर आमजा आदि ठिकाने है।

*बाँसवाड़ा के शासक*
क्र नाम शासन वर्ष (इस्वी सन् मे)
(1) जगमाल 1518 से 1545
(2) जय सिंह 1545 से 1549
(3) प्रताप सिंह 1549 से 1580
(4) मान सिंह 1580 से 1586
(5) उग्रसेन 1586 से 1613
(6) उदयभाण 1613 से 1614
(7) समर सिंह 1614 से 1660
(8) कुशल सिंह 1660 से 1687
(9) अजब सिंह 1687 से 1705
(10) भीम सिंह 1705 से 1713
(11) विष्णु सिंह 1713 से 1737
(12) उदय सिंह ।। 1737 से 1747
(13) पृथ्वी सिंह 1747 से 1786
(14) विजय सिंह 1786 से 1816
(15) उम्मेद सिंह 1816 से 1819
(16) भवानी सिंह 1819 से 1839
(17) बहादुर सिंह 1839 से 1844
(18) लक्ष्मण सिंह 1844 से 1905
(19) शम्भू सिंह 1905 से 1913
(20) पृथ्वी सिंह ।। 1913 से 1944
(21) चंद्रवीर सिंह 1944 से
(22) सूर्यवीर सिंह
(23) जगमाल सिंह
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Published on 08 Nov 2025