परमार वंश के वंशचिन्ह (गोत्र-प्रवरादि)

Himmat Singh 08 Nov 2025

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वंश – अग्निवंश

गोत्र – वशिष्ठ

प्रवर – वशिष्ठ, अत्रि ,साकृति

वेद – यजुर्वेद

उपवेद – धनुर्वेद

शाखा – वाजसनयि

प्रथम राजधानी – उज्जेन (मालवा)

कुलदेवी – सच्चियाय माता

इष्टदेव – सूर्यदेव, महादेव

तलवार – रणतरे

ढाल – हरियण

निशान – केसरी, सिंह

ध्वजा – पीला

गढ – आबू

शस्त्र – भाला

गाय – कवली

वृक्ष – कदम्ब,पीपल

नदी – सफरा (क्षिप्रा)

पाघ – पंचरंगी

राजयोगी – भर्तहरी

संत – जाम्भोजी

पक्षी – मयूर

प्रमुख गादी – धार नगरी
Tags:
गोत्र-प्रवरादि
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Himmat Singh

Published on 08 Nov 2025